Saturday, October 15, 2011
आवाज
आवाजें कभी अच्छी लगती हैं ,तो कभी बुरी .इंसान की मनोस्थिति का वर्णन कर देती हैं यही आवाजें .आवाजें किसी के साथ पक्षपात नहीं करती ,जितने प्यार से किसी के खुश होने की उद्घोषणा करती हैं उतनी ही शांति से बता देती हैं की आज कोई दुखी है ...आवाज से ही नाराजगी भी पता चलती है तो प्यार भी सबसे पहले झलकता है माँ का प्यार हो या पिता की झिडकी सब कुछ आवाज में सिमट जाती है ,आँखे दिल की जुबां हो ना हो पर आवाज दिल के हर भाव को बड़ी आसानी से बयां करती है. अगर आवाजें आपकी पसंद की हों तो ना जाने क्यूँ बहुत ख़ुशी दे जाती हैं और अगर यही आवाजें पसंद ना हों तो हमेशा परेशान करती हैं .मेरे आस-पास भी ना जाने कितनी ही आवाजें हैं ...और आवाजें क्या कहूँ अगर सच बोलूं तो आवाजें ही आवाजें हैं ..पर क्या है इनका मतलब क्यूँ हैं इतनी आवाजें ?.......कुछ आवाजों में ख़ुशी है, कुछ में जिन्दगी ढोते रहने का गम , कुछ हैं तो बहुत कुछ कहना चाहती हैं, पर फिर भी कुछ कहने से डरती हैं ....कुछ अपने हक के लिए उठती हैं ,तो कुछ बस दूसरों के लिए लडती हैं ,कुछ खामोश रहकर भी बहुत कुछ कहती हैं...और कुछ आवाजें तो बस खुद को भी नहीं सुनाई देती हैं ....अगर सबकी आवाजें सुनाई ही देतीं तो शायद आज आवाजों को इतना राजनीतिक नहीं माना जाता.....और तो फिर आवाजों को ना सुनने के पीछे इतनी राजनीतिक पार्टियाँ भी नहीं बनकर आतीं .....और फिर ना जाने कितने राजनीतिक दलालों की दुकाने भी बंद हो जाती, पर ये सब होने के लिए ये बहुत जरूरी था कि इन आवाजों को सुना जाता पर दिक्कत तो ये है कि कोई सुनने को तैयार ही नहीं है और जब आप लोकतंत्र में रह रहे हो तब तो बस .....सभी को तो अपनी सुनानी है लेकिन देखना ये होता है कि आवाज सुनाने के लिया तरीका कौन सा अपनाया गया है; किसी को अपनी आवाज सुनानी है तो पार्टी बना ली ,किसी को अपनी आवाज सुनानी है तो बंदूके उठा लीं,किसी को अपनी आवाज सुनानी है तो धमाके कर रहा है .पर इन धमाकों से किसी की आवाज सुनी जाय या ना सुनी जाय लेकिन हजारों नई आवाजें जरूर उभर आती है और फिर ये आवाजों दर आवाजों का सिलसिला बस यूँ ही चलता रहता है .......इसी क्रम में किसी गीतकार ने भी कह दिया कि,"मेरी आवाज सुनो......" बस हमेशा कि तरह सबके साथ आवाजों का रिश्ता भी बस बदलता ही जा रहा है और इनमे कही मै भी ढूढ़ रही हूँ अपने साथ अपनी आवाज.
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
No comments:
Post a Comment